God is energy, has no name or form, whatever name one keeps is alright.
ईश्वर तो एक शक्ति (पावर) है, न उसका कोई नाम है न रूप। जिसने जो नाम रख लिया वही ठीक है।
To seek God one need not renounce household and wander in the forest; one can live at home and still reach God.
उसके प्राप्त करने के लिए गृहस्थी त्याग कर जंगल में भटकने की आवश्यकता नहीं, वह घर में रहने पर भी प्राप्त हो सकता है।
You have not seen God as yet, so to realize Him first meet one who seen God. Only he can help you realize God.
अभी तुमने ईश्वर देखा नहीं, इसलिए उसे प्राप्त करने के लिए पहले उससे मिलो जिसने ईश्वर देखा है। वही तुम्हें ईश्वर का दर्शन करा सकता है।
Bring inner happiness into your life. This is a very big devine quality.
अपने जीवन में आंतरिक प्रसन्नता लाओ। यह बहुत बड़ा ईश्वरीय गुण है।
The peace is in knowledge, you will not get it from outside. Knowledge is within. For it internal meditation has to be done.
ज्ञान में शांति है, वह तुम्हें बाहर से नहीं मिलेगी। ज्ञान अंतर में है। उसके लिए आंतरिक साधना करनी होगी।
Put more time in worldly affairs, give little time to this side. But for that much time you forget the world.
अधिक समय तुम संसार के कामो में लगाओ, थोड़ा समय इधर दो। लेकिन इतने समय के लिए तुम संसार को भूल जाओ।
Two tasks are very important for a seeker - one to earn food from your own labor and secondly keep your mind in work all the time.
दो काम साधक के लिए बहुत आवश्यक है - एक तो अपने परिश्रम से भोजन कमाना और दूसरा अपने मन को हर समय काम में लगाये रखना।
Knowledge is eternal. If one Guru can not fulfill it, then one should get it from another Guru. But upon finding a self-realized Guru one should not make another Guru.
ज्ञान अन्नत है। यदि एक गुरु उसे पूरा न कर सके तो दूसरे गुरु से प्राप्त करना चाहिए। परन्तु पूर्ण आत्म ज्ञानी गुरु मिल जाने पर दूसरा गुरु नहीं करना चाहिए।
Do all work of the world but as a servent, not as master.
दुनिया के सारे काम करो लेकिन सेवक बनकर, मालिक बनकर नहीं।
Live in the world like a guest. Treat everything here as of someone else. Leave 'me and mine', learn the lesson of 'you and yours'.
संसार में मेहमान बन कर रहो। यहाँ की हर वस्तु किसी और की समझो। मैं और मेरा छोड़कर तू और तेरा का पाठ सीखो।